ट्रस्ट के तत्वाधान में 76वाँ गणतंत्र को धूम-धाम से मनाया गया

हम भारत के लोग आज गर्व के साथ अपने गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं, भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा, देशवासियों का सांविधानिक व्यवस्था पर अटूट विश्वास और संविधान निर्माताओं के दूरदृष्टि का सुखद परिणाम है, इस महान पर्व और उत्सव की वेला हम अपने जन-नायकों को याद करते हुए उन्हें नमन करते हैं, जिन्होंने अपने संघर्ष और बलिदान के बल-बुते हमें स्वाधीनता दिलायी और समानता के अधिकार से परिचय कराते हुए विविधताओं से भरा देश को एक सूत्र में पिरोकर, देशवासियों के लिए एक समृद्ध संविधान निर्मित का आज के ही दिन लागू हुआ था, आज 76वां गंणतंत्र के अवसर पर ट्रस्ट के प्रागंण में झंडोतोलन एवं राष्ट्र के स्वतंत्र सेनानियों, देश के महापुरूषों एवं सिद्धक्षेत्र श्री सम्मेदशिखरजी पर आधारित क्यिूज़ प्रतियोगिता का भव्य आयोजन ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री जम्बूप्रसाद जी जैन - गाज़ियाबाद व महामंत्री श्री राजकुमार जैन अजमेरा - हजारीबाग के निर्देश पर समपन्न किया गया, इस खास अवसर पर ट्रस्ट परिसर को तिरंगे के रंग के गुब्बारे, फुलों की सज्जा, छोटी-छोटी तिरंगे की झंडियाँ, ग्रामीण विद्यालय के बच्चों की झांकीयां पुरे परिसर को उंमग से भर रही थी वहीं देश के राष्ट्रपर्व को इस हर्षोल्लास को देखकर इस परिसर में ठहरे देश-विदेश के यात्रियों को भी अपने ओर मोह रही थी, शाश्वत विहार (निहारिका) परिसर के श्री कलश मंदीर के सामने देश का राष्ट्र ध्वज तिरंगा अपने स्वाभिमान के साथ तैयार थी, यह स्वौभग्य है की आज के इस कार्यक्रम में ट्रस्ट के दो-दो फाउण्डर न्यासि श्री विजय जी जैन (सासनी) - अहमदाबाद, श्री ज्वाहरलाल जी जैन - सिकंदराबांद, ट्रस्ट के मंत्री श्री प्रभात जी सेठी - गिरिडीह उपस्थित थें, ट्रस्ट के प्रबंधक श्री संजीव जैन, ऑफिस ऐडमिनिस्ट्रेटर ए. सईदी, मुख्य स्वागतकर्ता श्री गंगाधर महतो ने संयुक्त रूप से खादी की टोपी पहनाकर व राष्ट्र चिन्ह भेंट कर पदाधिकारियों का स्वागत किया, ठीक अपने समय पर पदाधिकारियों ने झंडोत्तोलन किया गया, शिखरजी के आस-पास के प्रबुद्ध व्यक्तियों, ग्रामीण विद्यालय के बच्चों, श्री दिगम्बर जैन शाश्वत तीर्थराज सम्मेदशिखर ट्रस्ट के अधिकारियों, कर्मचारियों के सांनिध्य में सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाया। झंडोत्तोलन के बाद ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम सभी आगन्तुको का हुजुम के उत्साह को देखते हुए ट्रस्ट के प्रबंधक श्री संजीव जैन ने मुख्य अतिथि श्री विजय जी जैन को संबोधन करने का आग्रह किये जिस पर उन्होंने कहा हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, आजादी बाद हमारा कोई संविधान नही था दो वर्ष 11 महीने और 18 दिनों मे हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ जिससे आज हम अपने देश को सकुशल विकसित होता देख रहे हैं, साथ ही अपनी सहभागिता भी सुनिश्चित कर रहें है, आज हम अपने सिद्धभूमि श्री सम्मेदशिखरजी में है यहां शाश्वत ट्रस्ट का गठन भी देश हीत में ही हुआ, समय समय पर कई प्रकार के जनकल्याणकारी कार्य होते रहते है जिसके लिए यहां के वर्तमान न्यासियों पदाधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ, मेरी अपनी विचार है इस क्षेत्र को लोगों को शिक्षा में समृद्धि हो जिसका मतलब है केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह समाज में साकारात्मक बदलाव लाने और व्यक्तिगत विकास के लिए भी आवश्यक है। जब शिक्षा का स्तर ऊँचा होता है, तो वह व्यक्ति और समाज दोनों को उन्नति की दिशा में अग्रसर करता है। समृद्धि का यह मतलब भी है कि शिक्षा सभी के लिए समान रूप से सुलभ हो, जिससे समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे बढ़ने का अवसर मिले। न्यासी जवाहरलाल जी ने कहा प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते है, इस अवसर पर देश के संविधान तथा एकता और अखंडता का संकल्प दोहराते हैं, हमारे देश में विभिन्न धर्म, जाति भाषा, संस्कृति संप्रदाय के लोग निवास करते हैं, लेकिन अनेकता में एकता ही हमारी ताकत है, देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बेरोजगारी और महंगाई के विरूद्ध संघर्ष तथा उत्पादक वर्ग को सम्मान देने की आवश्यकता है, हम अपने क्षेत्र को विकसित करेगें हमारा देश के लिए एक कड़ी होगा। गणतंत्र के पर्व को संबोधन करते हुए ट्रस्ट के मंत्री श्री प्रभात जी सेठी ने ट्रस्ट के जनकल्याणकारी कार्यों की विस्तृत जानकारी देतें हुए बताया की आगामी दिव्यांग बंधुओं के लिए 09 फरवरी 2025 को एक विशाल निःशुल्क कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर लगाई जा रही है, आप सभी प्रबुद्ध लोगों से निवेदन है की इसके लिए जरूरतमंदों को लाभ दिला कर इस पुनित कार्य में पुण्य के भागी बनें। वहीं ट्रस्ट के काषोध्यक्ष श्री महेन्द्र कुमार जैन-रांची ने अपने संबोधन में कहा हमारा संविधान को विश्व का सबसे बड़ा और सर्वश्रेष्ठ संविधान माना गया है जिससे हमने अपने देश के लिए अच्छा कर पा रहें है, आज हमारे बिच सभी प्रबुद्ध लोग उपस्थित है मैं सभी को इस शुभ अवसर की बधाई देता हूँ। ट्रस्ट द्वारा संचालित निहारिका धर्मशाला में ठहरे देश-विदेश के तीर्थ यात्री भी कार्यक्रम में सम्मलित हो कर आनंदित थें, इण्डबर्ग (UK) मेरे रहने वाले तीर्थ यात्री श्री सुमीत जी जैन जो UK में एक पोरोफेसर हैं वो कहते है की तीर्थयात्रा पर अपने देश आया था और मुझे आज इस धर्मशाला में इस राष्ट्रीय कार्याक्रम में उपस्थित होने का मैका मिला से मेरे लिए अभिभूत पल है, उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती प्रिया जैन, बच्चे कोविल जैन, रैयना जैन, बच्चों के नाना श्री सुधीर कुमार जैन मेरठ भी उपस्थित थें।

संबोधन के तुन्त बाद ही ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित त्वारित क्यिूज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, ट्रस्ट के लिए दसको वर्ष बाद खास अवसर था जब ट्रस्ट के दो फाउण्डर न्यासि, एक मंत्री, कोषाध्यक्ष स्वयं उपस्थित थें, जिनके मााध्यम से ही स्वतंत्रता सेनानियों, महापुरूषों, संविधान, सिद्धक्षेत्र षिखरजी के विषय पर अलग-अलग पदाधिकारियों के ओर से पांच प्रष्न ग्रामिण विद्यालयों के बच्चों से पुछे गयें, विजेता बच्चों को एक खेल-खुद के सामान के साथ के मोमेंटों मंचासीन के ओर दिया गया, जिसके बाद ग्रामीण विद्यालय जयनगर के प्रधानाध्यापक श्री पुरन मांझी नें अपने संबोधन मैं कहा की लागातर इस क्षेत्र में जनकल्याणकारी कार्यों के विषय पर हमारी चर्चा ट्रस्ट के महामंत्री श्री राजकुमार अजमेरा जी से होती है वे जिस तरह से अपने लक्ष्य को बताते है उससे हमें वास्तव में उर्जा मिलती है, वे कहते है की खेलकुद के क्षेत्र में हमारे से जो भी मद्द चाहिए हम करेंगे, अपने क्षेत्र का एक भी बच्चा गांव स्तर से उठकर जिला स्तर, जिला स्तर से उठकर, राज्य स्तर और राज्य स्तर उठकर देश स्तर तक खेल अपना परचम लहराते है तो निश्चित यह हमारे क्षेत्र के लिए एक उपलब्धि होगी, वर्तमान में बच्चों को आधुनिक तीर-घनुष की आवश्यकता थी, महामंत्री महोदय से फोन पर आग्रह किया अष्र्चय हुआ कि केवल दो दिनों में उन्हेने आधुनिक तीर-घनुष जैसे उपकरण उलबध करा दियें, जिसके लिए हम ट्रस्ट परिवार के आभारी हैं, कार्यक्रम के अंत में ट्रस्ट के ओर से धन्यवाद ज्ञापन ट्रस्ट प्रबंधक श्री संजीव जैन ने किया। मौके पर मधुबन ग्रामीण क्षेत्र के प्रधानाध्यापक व अध्यापकगण, श्री ओम प्रकाश महतो, डाॅ. ओमप्रकाश सिंह, श्री लयका तुरी, श्री भोला राम, ट्रस्ट से श्री अशोक दास, श्री अपुन जैन, मुकेश महतो, श्री शैलेन्द्र जैन, पवन, नारायण, श्री रोबिन बनर्जी, कोलष्वर, सहित आसपास के कई प्रबुद्ध लोग, बच्चें व ग्रामीण आदि भी उपस्थित थें।

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