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श्री सम्मेदशिखरजी से शाश्वत ट्रस्ट परिवार अपना विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करता है।

श्री सम्मेदशिखरजी से शाश्वत ट्रस्ट परिवार अपना विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करता है।

हे संत शिरोमणि, 
हे विश्व वन्दनीय, 
हे प्रातःस्मरणीय, 
हे श्रमण संस्कृति के उन्नायक, 
हे अध्यात्म सरोवर के राजहंस, 
हे वात्सल्य मूर्ति, 
हे जगत पूज्य, 
हे सदलगा के संत, 
हे प्रतिभा प्रणेता, 
हे परम पावन, 
हे कुन्द कुन्द के कुन्दन, 
हे महावीर के नंदन, 
हे अनियत विहारी समाधि सम्राट, 
हे जीवंत समयसार निग्रन्थ गौरव, 
हे राष्ट्र संत, विद्या वारिधि, 
हे अपराजेय साधक, 
हे जीव दया के मार्गदर्शक, 
हे गौशाला के प्रेंरणा स्त्रोत, 
हे हथ-करघा के प्राण प्रणेता, 

श्री सम्मेदशिखरजी से शाश्वत ट्रस्ट परिवार अपना विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करता है।

सभ्यता अहिंसक हो जाये जीव दया का फैले प्रकाश, 
इंडिया से फिर भारत हो जाये कर दो ऐसा कुछ चमत्कार,
हर एक गाव में गौशाला हो,
और केवल हथ-करघा से वस्त्र बनें,
हिंदी भाषा सर्वोपरी हो,
ये पश्चिमी सभ्यता भंग करो,
भारत का हर एक बच्चा-बच्चा हिन्दी भाषा बोले, 
“जियो और जीने दो” से ये विश्व गुंजायमान रहे,
कि साहित्य चाहेगा धरती पर भारत का केवल भारत नाम रहे
जब तक सूरज चंदा चमके तब तक विद्या गुरु का नाम रहे.....

परम पूज्य संत शिरोमणि प्रातः स्मरणीय ब्रमांड के देवता गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के चरणों में शत् शत् नमोस्तु नमोस्तु

श्री सम्मेदशिखरजी से शाश्वत ट्रस्ट परिवार अपना विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करता है।

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